તા. ૧૭/૦૧/૦૮ થી ૨૪/૦૧/૦૮ સુધી પ્રાસ્લામાં રાષ્ટ્રીય શિબિરનું આયોજન થયું હતું જેનાં કેટલાક અંશો અત્રે રજૂ કરું છું -
हमने ये माना की सारे जगका अंधकार हम मिटा नही शकते लेकिन अपनी छोटीसी मोमबती हम बुज़ा नही शकते
- लंगोटी का पक्का जुबान का सच्चा दुनिया में कभी ठोकर खा नही शकता !
- जो बात या जो वस्तु हमे किसीसे छिपानी पड़े वो बात या वस्तु हमे अपने पास नही रखनी चाहीऐ!
- संसार में ग्यान के समान कोई बल नही हें और अग्यान के समान कोई निर्बलता नही हें !
- अगर आप कुछ बन नही शकते हो तो मत बनो लेकिन कभी टूटो मत !
- हमारे जीवन में एक बुराई आ गई तो दुशरी को बुलानी नही पडती अपने आप आ जाती हें !
- हमे किसी का हक्क नही छिनना नही चाहीऐ !
- जो व्यक्ति अपने प्रति इमानदार नही हें वो समाज के प्रति इमानदार नही हो शकता !
- हमारी आंख ने इस संसार के मनुष्य को चार विभाग में विभाजित किया व्हाइट पीपल या ने यूरोपियन यलो पीपल या ने चीनी ब्लेक पीपल या ने आफ्रिकन ओर रेड पीपल या ने एशियन
हमारे खून के आधार पर संसार के मनुष्य को चार विभाग में विभाजित किया a ग्रुप , b ग्रुप अब ग्रुप ओर o ग्रुप
लेकिन हमारे दिमाग ने मनुष्यों को कई विभाग में विभाजित किया हें ये गलत बात हें संसार के सभी मनुष्य एक ही माता पिता कई संताने हें !
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો